Bareilly News:
मीरगंज-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में पीयर एजुकेटर्स के सातवें बैच को 6 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किशोरावस्था से जुड़े विभिन्न स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। इस पहल के अंतर्गत चयनित पीयर एजुकेटर्स को समुदाय में जाकर अपने साथियों को स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना होगा।
प्रशिक्षण की शुरुआत और महत्व
प्रशिक्षण का उद्घाटन डॉ. रोहन दिवाकर ने किया। उन्होंने पीयर एजुकेटर्स को प्रशिक्षण की उपयोगिता और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “यह प्रशिक्षण केवल आज के लिए नहीं, बल्कि आपके पूरे जीवन के लिए उपयोगी है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने की समझ विकसित होती है।”
प्रशिक्षण का प्रारूप और विषय
किशोर स्वास्थ्य काउंसलर विवेकानंद ने बताया कि प्रशिक्षण 6 थीम पर आधारित है, जिसमें किशोरों को उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई:
पोषण: संतुलित आहार और उसके महत्व पर चर्चा।
हिंसा: घरेलू और सामाजिक हिंसा की पहचान और उससे बचाव।
नशा: नशीली वस्तुओं से दूर रहने के उपाय।
मानसिक स्वास्थ्य: तनाव और अवसाद से निपटने के तरीके।
प्रजनन स्वास्थ्य: सुरक्षित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के उपाय।
सामाजिक स्वास्थ्य: समुदाय में समग्र स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के तरीके।
प्रमाण पत्र वितरण और भविष्य की जिम्मेदारियां
प्रशिक्षण के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह प्रमाण पत्र उनके योगदान और प्रशिक्षण में भागीदारी का प्रमाण है।
डॉ. विवेकानंद ने बताया कि ये प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स अब अपने-अपने समुदायों में जाकर किशोरावस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगे। उनका लक्ष्य किशोरों को बेहतर स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने में मदद करना है।
समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
इस प्रकार का प्रशिक्षण न केवल किशोरों के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज की यह पहल स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
यह कार्यक्रम समुदाय में स्वास्थ्य और शिक्षा के समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।
मीरगंज-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में पीयर एजुकेटर्स के सातवें बैच को 6 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किशोरावस्था से जुड़े विभिन्न स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। इस पहल के अंतर्गत चयनित पीयर एजुकेटर्स को समुदाय में जाकर अपने साथियों को स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना होगा।
प्रशिक्षण की शुरुआत और महत्व
प्रशिक्षण का उद्घाटन डॉ. रोहन दिवाकर ने किया। उन्होंने पीयर एजुकेटर्स को प्रशिक्षण की उपयोगिता और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “यह प्रशिक्षण केवल आज के लिए नहीं, बल्कि आपके पूरे जीवन के लिए उपयोगी है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने की समझ विकसित होती है।”
प्रशिक्षण का प्रारूप और विषय
किशोर स्वास्थ्य काउंसलर विवेकानंद ने बताया कि प्रशिक्षण 6 थीम पर आधारित है, जिसमें किशोरों को उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई:
पोषण: संतुलित आहार और उसके महत्व पर चर्चा।
हिंसा: घरेलू और सामाजिक हिंसा की पहचान और उससे बचाव।
नशा: नशीली वस्तुओं से दूर रहने के उपाय।
मानसिक स्वास्थ्य: तनाव और अवसाद से निपटने के तरीके।
प्रजनन स्वास्थ्य: सुरक्षित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के उपाय।
सामाजिक स्वास्थ्य: समुदाय में समग्र स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के तरीके।
प्रमाण पत्र वितरण और भविष्य की जिम्मेदारियां
प्रशिक्षण के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह प्रमाण पत्र उनके योगदान और प्रशिक्षण में भागीदारी का प्रमाण है।
डॉ. विवेकानंद ने बताया कि ये प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स अब अपने-अपने समुदायों में जाकर किशोरावस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगे। उनका लक्ष्य किशोरों को बेहतर स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने में मदद करना है।
समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
इस प्रकार का प्रशिक्षण न केवल किशोरों के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज की यह पहल स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
यह कार्यक्रम समुदाय में स्वास्थ्य और शिक्षा के समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।