Bareilly News:मीरगंज-
मीरगंज स्थित धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स शुगर मिल में सोमवार को पेराई सत्र का शुभारंभ धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्रीय सांसद छत्रपाल गंगवार एवं यूनिट हेड संजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर किया गया। इस मौके पर उन्होंने क्षेत्रीय किसानों को नए पेराई सत्र की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हम इस सत्र में मिल में एक करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पहले दिन की पेराई क्षमता 25 हजार कुंतल रखी गई है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 90 हजार कुंतल प्रतिदिन किया जाएगा।”
किसानों के लिए विशेष प्रबंध-
मिल प्रबंधन ने किसानों से स्वच्छ और ताजा गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है। साथ ही, यातायात को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जिससे हाईवे पर जाम की समस्या न हो। गन्ना वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे ताकि रात में भी लाइन में खड़े वाहन दिखाई दे सकें।
गन्ने की नई प्रजातियां-
इस सत्र में 0238 गन्ने में बीमारी लगने के कारण, क्षेत्रीय किसानों को 15023, 13235, और 14201 जैसी नई प्रजातियों के गन्ने के बीज उपलब्ध कराए गए हैं। यह कदम फसल की उत्पादकता को बढ़ाने और किसानों को अधिक मुनाफा दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद छत्रपाल सिंह मौजूद रहे। उन्होंने कहा, “गन्ना उद्योग इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स शुगर मिल के इस पेराई सत्र से किसानों को बड़ा लाभ होगा। हम किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस उद्योग को लगातार प्रोत्साहित करते रहेंगे।”इसके अतिरिक्त उपजिलाधिकारी तृप्ति गुप्ता, ब्लॉक प्रमुख गोपाल कृष्ण गंगवार, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदेश पाल सिंह,विशाल गंगवार,ओमप्रकाश दिवाकर, हरवीर सिंह,अरविंद गंगवार, इंदर शर्मा,संजय सिंह, आशीष कुमार,जय गोपाल चावला, और संतोष कुमार शर्मा,हुकुम सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
मिल की तैयारियां और भविष्य की योजना
यूनिट हेड संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस सत्र में मिल ने उन्नत तकनीक और उच्च क्षमता के उपकरणों का उपयोग किया है, जिससे गन्ने की पेराई प्रक्रिया तेज और कुशल हो सके। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसानों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि उनकी मेहनत का पूरा लाभ उन्हें मिल सके।”
इस पेराई सत्र की शुरुआत से किसानों में एक नया उत्साह देखा जा रहा है। मिल प्रबंधन के सकारात्मक प्रयास और नई प्रजातियों की खेती के लिए दिए गए बीज, क्षेत्र के किसानों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकते हैं।
रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा