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Bareilly News: पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी हत्याकांड: बरेली में मीडिया जगत का उग्र प्रदर्शन, परिवार को दो करोड़ मुआवजे की मांग

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पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी हत्याकांड: बरेली में मीडिया जगत का उग्र प्रदर्शन, परिवार को दो करोड़ मुआवजे की मांग
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बरेली- सीतापुर में हुए पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी हत्याकांड को लेकर बरेली के पत्रकारों में आक्रोश चरम पर है। सोमवार को बरेली के समस्त पत्रकार संगठनों ने कलेक्ट्रेट पर एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने दिवंगत पत्रकार के परिवार को दो करोड़ रुपये का मुआवजा देने, हत्यारों और मास्टरमाइंड की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।

मीडिया की आवाज दबाने की कोशिश नाकाम-

प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। सभी पत्रकार संगठनों ने एक स्वर में कहा कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो यह लड़ाई और तेज होगी।

न्याय की लड़ाई में पत्रकार एकजुट-

पत्रकार संगठनों का कहना है कि पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ हैं, लेकिन आए दिन उन पर हमले हो रहे हैं। यदि पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जनता की आवाज कौन उठाएगा? पत्रकारों ने सरकार से कड़े कानून बनाने और निष्पक्ष जांच की मांग की।

प्रदर्शन में मौजूद प्रमुख पत्रकार-

इस दौरान उपजा अध्यक्ष डॉ. पवन सक्सेना, मुकेश तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र अटल, अनूप मिश्रा, विकास सक्सेना, मनोज गोस्वामी, जनार्दन आचार्य, निर्भय सक्सेना, अजय मिश्रा, शुभम ठाकुर, सुयोग्य सिंह, अशोक शर्मा, पुत्तन सक्सेना, विजय सिंह, प्रदीप सक्सेना, संजीव यादव, दीपक कुमार, इमरान खान, मोहम्मद शमी, नाजिया अंजुम, शिव शर्मा सहित तमाम पत्रकार उपस्थित रहे।

पत्रकार समाज का आईना होते हैं, जिनकी कलम सच्चाई को उजागर करने के लिए चलती है,न कि झूठ और प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए। राघवेन्द्र वाजपेयी की नृशंस हत्या यह साबित करती है कि सच्चाई की आवाज को कुचलने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब पत्रकारों पर हमला हुआ है, तब-तब कलम ने तलवार से भी ज्यादा धारदार वार किए हैं। यह लड़ाई केवल एक पत्रकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है।

“लफ्ज़ों की शमशीर से रोशनी लाते हैं,
सच के राही हैं, हर दर्द को उठाते हैं।
जो हकीकत छुपी है, उसे उजागर करेंगे,
हम कलम के सिपाही हैं, जंग जारी रखेंगे।”

रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।

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