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विश्व हृदय दिवस: दिल का दिल से रखें ख्याल,नहीं तो जान को है खतरा

विश्व हृदय दिवस:
दिल का दिल से रखें ख्याल,नहीं तो जान को है खतरा

(लेखक का उद्देश्य लोगों को हृदय के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराना है)
हृदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण एवं व्यस्ततम अंग है,जो निरंतर ब्लड को पंप करके शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है। आज की व्यस्त जीवनशैली,असंतुलित आहार, और तनावपूर्ण दिनचर्या के कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ गया है। इसलिए,प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और हृदय रोगों की रोकथाम के उपायों को समझाना है।

हृदय से संबंधित रोग
हृदय रोगों की कई प्रकारें हैं,जिनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं।

हृदयाघात – जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति रुक जाती है, तो इसे हृदयाघात कहते हैं। यह स्थिति धमनियों में रुकावट के कारण होती है।

हृदय की धमनियों का रोग- यह तब होता है जब हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रोल जमने लगता है,जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।

हृदय गति की अनियमितता- इसमें हृदय की धड़कन अनियमित हो जाती है, जो तेज़, धीमी या अनियमित हो सकती है।

हृदय वाल्व रोग- इसमें हृदय के वाल्व ठीक से काम नहीं करते, जिससे रक्त प्रवाह में समस्याएं होती हैं।

हृदय विफलता – यह स्थिति तब होती है जब हृदय शरीर के आवश्यकतानुसार पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।

हृदय की देखभाल कैसे करें?
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करना आवश्यक है। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से हृदय की देखभाल की जा सकती है।

संतुलित आहार लें: हृदय के लिए सही आहार महत्वपूर्ण है। अपनी डाइट में फल, सब्जियां, अनाज, प्रोटीन युक्त आहार और स्वस्थ वसा शामिल करें। तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें।

नियमित व्यायाम करें: हृदय को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें। इसमें दौड़ना, तेज़ चलना, साइकिल चलाना, तैराकी आदि शामिल हो सकते हैं।

तनाव कम करें: तनाव हृदय रोगों का मुख्य कारण है। योग, ध्यान और गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों के माध्यम से तनाव को कम किया जा सकता है।

धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हृदय पर बुरा प्रभाव डालता है। इसे छोड़ना हृदय के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है।

स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है।

कौन-कौन से चेकअप कराने चाहिए?
हृदय स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से कुछ महत्वपूर्ण चेकअप कराने चाहिए।

रक्तचाप की जांच -उच्च रक्तचाप हृदय रोगों का मुख्य कारण हो सकता है। नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करें।

कोलेस्ट्रॉल की जांच- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से धमनियों में प्लाक बन सकता है, जो हृदयाघात का कारण बन सकता है। इसलिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।

ब्लड शुगर जांच -उच्च रक्त शर्करा हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकती है। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करनी चाहिए।

ईसीजी-यह टेस्ट हृदय की विद्युत गतिविधियों को मापता है और किसी भी अनियमितता का पता लगाने में मदद करता है।

ईकोकार्डियोग्राफी- यह परीक्षण हृदय की संरचना और कामकाज को दिखाता है और वाल्व समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है।

टीएमटी-यह परीक्षण हृदय की सहनशक्ति को मापने के लिए किया जाता है और हृदयाघात के जोखिम का मूल्यांकन करता है।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

धूम्रपान और तंबाकू से बचें: धूम्रपान और तंबाकू हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।

स्वस्थ आहार का सेवन: ताजे फल, सब्जियां, अनाज, नट्स, और मछली का सेवन करें। अधिक वसा और शर्करा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। नमक का सेवन सीमित करें।

शारीरिक सक्रियता बनाए रखें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम व्यायाम या 75 मिनट तीव्र व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। तैराकी, दौड़ना, योग, और साइकिल चलाना जैसी गतिविधियां हृदय के लिए लाभकारी होती हैं।

पर्याप्त नींद लें: नियमित रूप से 7-8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी तनाव और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है, जो हृदय के लिए हानिकारक होता है।

तनाव प्रबंधन: मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, गहरी सांस लेने की तकनीकें, और अपने शौक का समय निकालें।

नियमित स्वास्थ्य जांच: समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लें और हृदय स्वास्थ्य की जांच कराएं। उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करें।

हृदय को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक नुस्खे
आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक नुस्खे बताए गए हैं, जिनसे हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है:

अर्जुन की छाल: अर्जुन की छाल हृदय को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसका पाउडर या काढ़ा बनाकर सेवन करने से हृदय की कार्यक्षमता में सुधार होता है।

लहसुन-लहसुन का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने और धमनियों में प्लाक को रोकने में मदद करता है। इसे कच्चा खाया जा सकता है या आहार में शामिल किया जा सकता है।

दालचीनी- यह हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसका चूर्ण या छाल का प्रयोग कर सकते है।

अश्वगंधा-यह तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसका पाउडर या कैप्सूल के रूप में सेवन किया जा सकता है।

त्रिफला- यह हृदय की कार्यक्षमता में सुधार करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसका सेवन नियमित रूप से करने से हृदय को लाभ होता है।

मेथी के बीज-इनके बीज का पानी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। इसे रातभर भिगोकर सुबह सेवन करना फायदेमंद होता है।


हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखना हमारे हाथ में है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम हृदय रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं। विश्व हृदय दिवस हमें हृदय की देखभाल के महत्व को समझने और दूसरों को इसके प्रति जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है। आयुर्वेदिक नुस्खे भी हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता कर सकते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार के उपचार या सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। अपने हृदय की देखभाल करें और एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीएं।

लेखक-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।

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