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मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया खादर वली ने मिलेट्स को बताया स्वस्थ जीवन का मंत्र

बरेली(Bareilly)-
इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में मशहूर आहार विशेषज्ञ और ‘मिलेट मैन ऑफ इंडिया’ के रूप में विख्यात पद्मश्री डॉ. खादर वली ने खानपान में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने भोजन में मिलेट्स (श्रीअन्न) को शामिल करें, तो शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकता है। मिलेट्स में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ शरीर को आवश्यक प्रोटीन, विटामिन और ग्लूकोज की पूर्ति करता है।

आधुनिक जीवनशैली और बीमारियों का बढ़ता प्रभाव
डॉ. वली ने इस बात पर चिंता जताई कि आजकल लोग बाजार में उपलब्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं, जिससे शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश को स्वस्थ बनाने के लिए केवल डॉक्टरों की नहीं, बल्कि किसानों की जरूरत है। नियमित रूप से मिलेट्स का सेवन कई बीमारियों का प्रभावी समाधान साबित हो सकता है। मिलेट्स शरीर को फिट रखने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देते हैं और हार्मोनल संतुलन को सुधारने में मददगार होते हैं।

मिलेट्स के फायदे और खेती पर जोर-

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पूर्व सांसद डॉ. आर.के. सिन्हा ने बताया कि हमारे पूर्वज मिलेट्स का सेवन करके लंबा और स्वस्थ जीवन जीते थे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से 200 प्रकार के मिलेट्स पाए जाते हैं, लेकिन कोदो, कुटकी, कंगनी, सावां और हरा सावां स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभकारी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद लोगों ने मिलेट्स के महत्व को पहचाना है, लेकिन सरकार अभी भी धान, गेहूं और गन्ने की खेती को बढ़ावा दे रही है, जबकि मिलेट्स के उत्पादन पर प्रोत्साहन की जरूरत है।

पर्यावरण संरक्षण में मिलेट्स का योगदान-

डॉ. वली ने बताया कि जहां एक किलो चावल उगाने में 8,000 लीटर पानी की खपत होती है, वहीं एक किलो मिलेट्स उगाने में केवल 250-300 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर हम गन्ना और धान जैसी फसलों की खेती से हटकर मिलेट्स उगाने पर ध्यान दें, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है।

योग और मिलेट्स- स्वस्थ जीवन के दो स्तंभ

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने कहा कि जैसे स्वस्थ शरीर के लिए योग आवश्यक है, वैसे ही खानपान में मिलेट्स का शामिल होना भी अनिवार्य है।कार्यक्रम में विधायक संजीव अग्रवाल, एम.पी. आर्या, एडवोकेट अनिल सक्सेना, और संगत पंगत की राष्ट्रीय संयोजिका रत्ना सिन्हा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन नारायण कॉलेज के चेयरमैन शशिभूषण ने दिया।

मिलेट्स का सेवन न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार जीवनशैली को भी बढ़ावा देता है। खानपान में मिलेट्स को शामिल करना और खेती के तरीकों में बदलाव करना समय की जरूरत है,ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षित प्राकृतिक संसाधनों की विरासत छोड़ सकें।

रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।

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