“किताबों की खुशबू से महकेगा गाँव का हर आँगन,
ज्ञान की रौशनी से रोशन होगा वहरोली का हर आँगन।
जहाँ बच्चों के सपनों को मिलें नए पंख,
वहीं से शुरू होता है प्रगति का सच्चा संग।”
बरेली/मीरगंज-
“जहां शिक्षा का दीप जले, वहीं समाज का सवेरा होता है।”
मीरगंज विकास खंड के ग्राम बहरोली में बुधवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ। वर्षों पुराना परिषदीय विद्यालय अब नए आधुनिक भवन के साथ ग्रामीण बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने को तैयार है। कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन का लोकार्पण समारोह न केवल एक सरकारी औपचारिकता, बल्कि शिक्षा को समर्पित एक जनोत्सव बन गया।
दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ-
शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। स्कूली बच्चों ने अतिथियों के स्वागत में मधुर स्वागत गीत व सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य अतिथि डॉ. डीसी वर्मा (विधायक) का वक्तव्य-
“यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के सपनों की नींव है। वहरोली जैसे गांवों में ऐसी सुविधाओं से ही शिक्षा का वास्तविक विस्तार होता है। सरकार की मंशा है कि गांव के बच्चे भी वैश्विक प्रतियोगिता में आगे रहें।”
ब्लॉक प्रमुख गोपाल कृष्ण गंगवार बोले-
“गांव की असली पूंजी शिक्षा होती है। यह नया विद्यालय भवन हमारी अगली पीढ़ियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। मैं शिक्षकों को उनके समर्पण के लिए विशेष धन्यवाद देता हूं।”
वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण गंगवार की भावुक अभिव्यक्ति-
“पांच दशक पूर्व मेरे पिता ने इस विद्यालय की नींव रखी थी। समय के साथ भवन जर्जर हो गया था। आज उसका पुनर्निर्माण कराकर हम अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।”

शिक्षक संघ का योगदान और वक्तव्य-
नरेश गंगवार (प्रांतीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष – उ.प्र. प्राथमिक शिक्षक संघ) ने कहा-
“विद्यालय केवल भवन नहीं, शिक्षक और छात्रों की ऊर्जा का केंद्र होता है। हम इस ऊर्जावान बदलाव को देखकर गर्वित हैं।”
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी मंच की शाम-
बच्चों ने देशभक्ति गीत, लोकनृत्य, मोबाइल की लत, सामाजिक संस्कार और स्वच्छता जैसे विषयों पर आधारित नाटकों से दर्शकों का मन मोह लिया। तालियों की गूंज ने बच्चों का उत्साह दोगुना कर दिया।
विद्यालय निर्माण में प्रमोद गंगवार की अहम भूमिका-
नव-निर्मित भवन का निर्माण कार्य प्रमोद गंगवार द्वारा पूरी गुणवत्ता और आधुनिकता के साथ सम्पन्न कराया गया। भवन में कक्षाओं, शौचालय, वेंटिलेशन और बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।
कार्यक्रम संचालन और आयोजन-
अध्यक्षता-सर्वेश कुमार गंगवार (ब्लॉक अध्यक्ष – प्राथमिक शिक्षक संघ)
संचालन- राहुल यदुवंशी व राजेश कुमार गंगवार
रंगोली व मंच सज्जा- दुर्गा प्रसाद (शिक्षक, शेरगढ़)
विशिष्ट उपस्थितगण-
निरंजन यदुवंशी (जिला पंचायत सदस्य)
तेजपाल सिंह फौजी (चेयरमैन – गन्ना समिति, मीरगंज)
अजय वीर सिंह (भाजपा मंडल अध्यक्ष)
वीरपाल सिंह (प्रधान पति – वहरोली)
प्रशिक्षकगण व शिक्षकगण-
नरेंद्र सिंह, संतोष गंगवार, धर्मपाल गंगवार, धीरेंद्र कुमार, सत्यवीर, भारतवीर, तेजपाल गंगवार, सुनील गंगवार, डॉ. रोहिताश गंगवार, सतेंद्र कुमार, प्रशांत गुप्ता, ध्रुव गंगवार, अरविंद गंगवार, रोहित गंगवार, प्रज्ञा गंगवार, निशा सिंह, मोहन स्वरूप।
महिला प्रतिनिधि व शिक्षकाएं-
प्रतिश्रुति (महिला अध्यक्ष), अनीता सिंह, मीनाक्षी कुमारी, नीरज गंगवार, संगीता कुमारी, मीना मौर्य, सीमा, अरविंद शर्मा
सैकड़ों ग्रामीण, शिक्षकगण और गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

शिक्षा में निवेश, राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित-
वहरोली जैसे गांव में शिक्षा का यह बुनियादी ढांचा ग्रामीण विकास की सबसे आवश्यक इकाई को सशक्त करता है। यह भवन सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि ग्रामीण बच्चों के आत्मबल और आत्मनिर्भरता की नींव है।
परिषदीय विद्यालयों की दशा-दिशा बदलने की यह पहल सराहनीय है, जिससे बच्चों को न केवल शिक्षा, बल्कि गुणवत्ता, अनुशासन और संस्कारों की भी सीख मिलती है। जब शिक्षक, जनप्रतिनिधि और समाज मिलकर शिक्षा को केंद्र में रखते हैं, तभी बदलाव स्थायी और सकारात्मक होता है।
रिपोर्ट-डॉ स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।