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बरेली में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए जोरदार प्रदर्शन

बरेली-
बरेली में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए जोरदार प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर आज सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।कर्मचारी संगठनों के बैनर तले हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की और पुरानी पेंशन को फिर से लागू करने की मांग की।

बरेली शहर में भी प्रदर्शनकारियों ने दामोदर स्वरूप पार्क से रैली निकाली। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर पुरानी पेंशन बहाल करने के नारे लिखे थे। उनकी मुख्य मांग यह है कि 2004 से पहले की पुरानी पेंशन योजना को सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए फिर से लागू किया जाए।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना एक सामाजिक सुरक्षा का आधार थी, जो अब नई पेंशन योजना के तहत समाप्त कर दी गई है। नई योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिससे कर्मचारियों की पेंशन राशि बाजार की अस्थिरता पर निर्भर हो गई है, और यह उनके भविष्य के लिए बेहद जोखिमपूर्ण है।

जिला संयोजक अटेवा मुनीष कुमार गंगवार ने कहा, कर्मचारियों ने अपनी पूरी ज़िंदगी सरकार की सेवा में गुज़ार दी, लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद हमारी आर्थिक सुरक्षा दांव पर है। पुरानी पेंशन योजना हमारी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की गारंटी थी, जिसे सरकार ने हमसे छीन लिया है।”

इस मौके पर सरकारी कर्मचारी संघ के अन्य नेताओं ने भी सरकार से पुरानी पेंशन योजना को तत्काल बहाल करने की मांग की। उनका कहना है कि नई पेंशन योजना से कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय का कोई भरोसा नहीं है।

अटेवा पदाधिकारी ने कहा, “सरकार को चाहिए कि वह पुरानी पेंशन योजना को पुनः बहाल करे और कर्मचारियों को उनका अधिकार दिलाए। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।”

उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख जिला मुख्यालयों पर इस धरना-प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।

हालांकि, राज्य सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

रिपोर्ट-स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा।

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