Homeस्नेह कुमार सिंह कुशवाहानवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा विधि,मंत्र, मुहूर्त,भोग और आरती

नवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा विधि,मंत्र, मुहूर्त,भोग और आरती

मां कात्यायनी का स्वरूप और महत्व-

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान से की जाती है।मां कात्यायनी को सफलता और यश का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मां की उपासना से भक्त को सुख, समृद्धि और विजय प्राप्त होती है। मां कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं और चतुर्भुज हैं। उनके हाथों में तलवार और कमल का पुष्प होता है। उनकी एक भुजा में वर मुद्रा है और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में होती है।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग, पुष्प और रंग:

प्रिय रंग-मां कात्यायनी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है।
प्रिय पुष्प- मां को लाल रंग का गुलाब अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भक्त को मां की कृपा प्राप्त होती है।
प्रिय भोग-मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है और उसे सुंदर रूप की प्राप्ति होती है।
मां कात्यायनी पूजा विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
मां कात्यायनी की प्रतिमा को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं।
मां को पीले वस्त्र अर्पित करें।
मां को रोली, कुमकुम और पुष्प अर्पित करें।
मां को पांच प्रकार के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं।
विशेष रूप से मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य अर्पित करें।
मां का ध्यान और आराधना करें और अंत में मां की आरती गाएं।

मां कात्यायनी की पूजा का महत्व-



शास्त्रों में बताया गया है कि मां कात्यायनी की उपासना से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। मां कात्यायनी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है। साथ ही, शारीरिक और मानसिक परेशानियां भी दूर होती हैं।

मां कात्यायनी की आरती-

जय-जय अम्बे जय कात्यायनी
जय जगमाता जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहां वरदाती नाम पुकारा।

कई नाम हैं, कई धाम हैं
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।

हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह-माया की।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यायनी का धरिए।

हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को ‘चमन’ पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। उनकी आराधना करने से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सौंदर्य एवं सकारात्मकता का संचार होता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular